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साँचा:KKPoemOfTheWeek

8 bytes removed, 12:32, 9 अप्रैल 2009
जयपुर से जद गाड़ी चाली गाड़ी चाली मैं बैठी थी सूधी
असी जोर को धक्का लाग्यो जद मैं पड़ गयी उँधी ।।
चला चला रे ।।<br><br>
शब्दार्थ :