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हमको ऐसे मिली ज़िंदगी ! / शार्दुला नोगजा
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06:38, 11 अप्रैल 2009
इक मुड़ी जीन्स में, फंस गई सीप सी
आँधियों से भरे, एक कृत्रिम द्वीप सी
नाखुनों में घुसी, कुछ हठी रेत सी
पेड़ बौने लिये, बोन्साई खेत सी
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