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21:37, 13 अप्रैल 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पंकज चतुर्वेदी}}
<poem>
कुछ चीज़ें अब भी अच्छी हैं
न यात्रा अच्छी है
न ट्रेन के भीतर की परिस्थिति
लेकिन गाड़ी नम्बर
गाड़ी के आने और जाने के
समय की सूचना देती
तुम्हारी आवाज़ अच्छी है
कुछ चीज़ें
अब भी अच्छी हैं
</poem>