गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
बदबू / ऋषभ देव शर्मा
16 bytes removed
,
22:10, 21 अप्रैल 2009
}}
<Poem>
केसर की क्यारी में
कितने बरस से
लगातार बढ़ती ही जाती है
लाशों की बदबू;
घटती नहीं.
बर्फ का शिवलिंग
हर बरस आप से आप बढ़ता है
और घट भी जाता है
आप से आप।
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits