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प्रतिशोध / ऋषभ देव शर्मा

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<Poem>
 
खिलौनों में बम हैं
 
ट्रांजिस्टर, कार और साइकिल
 
सभी में बम हैं
 
अंधा प्रतिशोध
 
लेता है मनुष्य
 
मनुष्य ही से
 
और बो देता है बीज
 
कुछ और नए
 
मनुष्य बमों के।।
 
 
 
</poem>
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