गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
मैं आकाश बोल रहा हूँ / ऋषभ देव शर्मा
4 bytes added
,
16:55, 24 अप्रैल 2009
}}
<Poem>
इधर-उधर
उज़बक की तरह
हाँ, मैं आकाश बोल रहा हूँ,
तुम्हारे कान खोल रहा हूँ॥
<Poem>
चंद्र मौलेश्वर
Mover, Uploader
943
edits