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|रचनाकार=ऋषभ देव शर्मा
|संग्रह=तेवरी / ऋषभ देव शर्मा
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<Poem>
अंधी ह’ राजधानी, बहरी ह’ राजधानी
फुंकार मारती है, ज़हरी ह’ राजधानी
कुछ लोग पेट पकड़े, डमरू बजा रहे हैं
डम-डम डिगा-डिगा , बम-लहरी ह’ राजधानी
</poem>