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सदस्य:अनिल जनविजय

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ageet vidhaa ke pramukh kavi
जन विजय जी,
अगीत के प्रमुख कवि हैं--
१. श्री रन्ग नाथ मिश्रा "सत्य"---सन्स्थापक,प्रवर्तक,व सम्पादक अगीतायन साप्ताहिक-राजाजिपुरम लख्ननऊ से।
२. डा श्यम गुप्त -सुश्यानिदी ,के-३४८,आशियाना, लख्ननऊ-२२६०१२
३.श्री पार्थो सेन-राजाज़िपुरम लख्ननऊ
४ श्री सोहन लाल सुबुद्द