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धार लगा कर सब आवाजें, आरी करनी हैं / ऋषभ देव शर्मा
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17:20, 2 मई 2009
अस्थिचूड़ देकर पीढ़ी उजियारी करनी है
हर कुर्सी पर जमे हुए हैं
मार्कोंस
मार्कोस
, यारो !
न्यायालय में नंगी हर मक्कारी करनी है </Poem>
चंद्र मौलेश्वर
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