मेरी जाँ लुट गया मैं तो तुम्हारा मेहमाँ होकर <br><br>
हक़ीक़त में मैं एक बुल्बुल बुलबुल हूँ मगर चारे की ख्वाहिश में <br>
बना हूँ मिमबर-ए-कोंसिल यहाँ मिट्ठू मियाँ होकर<br><br>
निकाला करती है घर से ये कहकर तू तो मजनू है <br>
सता रक्खा है मुझको सास ने लैला की माँ होकर