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[[Category:गज़ल]]
दोस्त हो जब दुश्मने-जाँ तो क्या मालूम हो<br>
आदमी को किस तरह अपनी कज़ा मालूम हो<br>
आशिक़ों से पूछिये खूबी लबे-जाँबख्श की<br>
जौहरी को क़द्रे-लाले-बेबहा मालूम हो<br>
दोस्त हो जब दुश्मनेदाम में लाया है "आतिश" सब्जये-ख़ते-जाँ तो बुतां<br>सच है क्या इंसा को किस्मत का लिखा मालूम हो <br>
आदमी को किस तरह अपनी कज़ा मालूम हो ।।   आशिक़ों से पूछिये खूबी लबे*[http://jagjitsingh-जाँबख्श की, जौहरी को क़द्रेsankalp.blogspot.com/ Bazm-लालेE-बेबहा मालूम हो ।   दाम में लाया है "आतिश" सब्जये-ख़ते-बुतां सच है क्या इंसा को किस्मत का लिखा मालूम हो ।Jagjit]
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