Changes

{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रामधारी सिंह '"दिनकर'"}}{{KKPageNavigation|पीछे=रश्मिरथी / द्वितीय सर्ग / भाग 10|आगे=रश्मिरथी / द्वितीय सर्ग / भाग 12|संग्रहसारणी= रश्मिरथी / रामधारी सिंह '"दिनकर'"
}}
 
 
[[रश्मिरथी / द्वितीय सर्ग / भाग 10|<< द्वितीय सर्ग / भाग 10]] | [[रश्मिरथी / द्वितीय सर्ग / भाग 12| द्वितीय सर्ग / भाग 12 >>]]
 
 
'तू ने जीत लिया था मुझको निज पवित्रता के बल से,
है यह मेरा शाप, समय पर उसे भूल तू जायेगा।
 
 
[[रश्मिरथी / द्वितीय सर्ग / भाग 10|<< द्वितीय सर्ग / भाग 10]] | [[रश्मिरथी / द्वितीय सर्ग / भाग 12| द्वितीय सर्ग / भाग 12 >>]]