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रचनाकारः [[अनिल जनविजय]]{{KKRachna[[Category:कविताएँ]][[Category:|रचनाकार=अनिल जनविजय]] ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~|संग्रह=}}
जब-जब झाँका, मैंने भीतर
डूबी है तू प्रेमरस में
<br><br>'''1996 में रचित'''