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फ़िराक़ गोरखपुरी
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19:45, 10 मई 2009
* [[क्यों तेरे ग़म-ए-हिज्र में / फ़िराक़ गोरखपुरी]]
* [[न जाने अश्क से आँखों में क्यों है आये हुए / फ़िराक़ गोरखपुरी]]
* [[अपना समझ बैठे थे हम/ फ़िराक़ गोरखपुरी]]
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अनिल जनविजय
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