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किलर्कों की अफ़सुर्दा जानों के नाम<br>
किर्मख़ुर्दा दिलों और ज़बानों के नाम<br>
पोस्ट-मैंओं मैंनों के नाम<br>टंगेवालों टांगेवालों के नाम<br>
रेलबानों के नाम<br>
कारख़ानों के भोले जियालों के नाम<br>
दूसरी मालिये के बहाने से सरकार ने काट ली है<br>
जिस के पग ज़ोर वालों के पाँवों तले<br>
धज्जियाँ हो गयि हैगयी हैं<br><br>
उन दुख़ी माओं माँओं के नाम<br>
रात में जिन के बच्चे बिलख़ते हैं और<br>
नींद की मार खाये हुए बाज़ूओं से सँभलते नहीं<br>
उन ब्याहताओं के नाम<br>
जिनके बदन<br>
बेमोहब्बत रियाकार सेजों पे सज -सज के उकता गये हैं<br>
बेवाओं के नाम<br>
कतड़ियों और गलियों, मुहल्लों के नाम<br>
जिनकी नापाक ख़ाशाक से चाँद रातों<br>
को आ -आ के करता है अक्सर वज़ू<br>
जिनकी सायों में करती है आहो-बुका<br>
आँचलों की हिना<br>
पड़नेवालों के नाम<br>
वो जो असहाब-ए- तब्लो-अलम<br>
के दरों पर किताब और क़लम<br>
का तकाज़ा लिये, हाथ फैलाये<br>
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