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इस क़दर साद-ओ-पुरकार कहीं देखा है / सौदा
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,
12:56, 15 मई 2009
जिंसे-दिल<ref>दिल रूपी वस्तु</ref> का भी ख़रीदार कहीं देखा है
'''शब्दार्थ:
</poem>
{{KKMeaning}}
द्विजेन्द्र द्विज
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