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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार: [[=तेजेन्द्र शर्मा]][[Category:कविताएँ]]}}[[Category:तेजेन्द्र शर्मा]]<poem>कैसे कह दूं कि तुम्हें, याद नहीं करता हूँदर्द सीने में हैं, फ़रियाद नहीं करता हूँ
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~तेरा नुक्सान करूं सोच नहीं सकता मैंमैं तो दुश्मन को भी बरबाद नहीं करता हूँ
कैसे कह दूं कि तुम्हें, याद नहीं करता हूँ<br>तेरी तारीफ़ सदा सच्ची ही की है मैनेंदर्द सीने में हैं, फ़रियाद झूठे अफ़साने मैं ईजाद नहीं करता हूँ<br><br>
तेरा नुक्सान करूं सोच नहीं सकता मैं<br>साक़ी पैमाने से यारो मुझे है क्या लेनामैं तो दुश्मन किसी मैख़ाने को भी बरबाद आबाद नहीं करता हूँ<br><br>
तेरी तारीफ़ सदा सच्ची ही की है मैनें<br>झूठे अफ़साने मैं ईजाद नहीं करता हूँ<br><br> साक़ी पैमाने से यारो मुझे है क्या लेना<br>किसी मैख़ाने को आबाद नहीं करता हूँ<br><br> मेरे अरमानों को तुमने है कुचल डाला सनम<br>मैं शिकायत कभी सय्याद नहीं करता हूँ<br><br/poem>
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