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देखें है कौन-कौन, ज़रूरत नहीं रही
कू-ए-सितम में सबको खफ़ा ख़फ़ा कर चुके हैं हम
अब अपना इख्तियार इख़्तियार है चाहे जहाँ चलें
रहबर से अपनी राह जुदा कर चुके हैं हम
उनकी नज़र में क्या करें फीका है अब भी रंग
जितना लहू था सर्फसर्फ़-ए-क़बा कर चुके हैं हम
कुछ अपने दिल की ख़ूँ ख़ू का भी शुक्रान चाहियेसौ बार उनकी ख़ूँ ख़ू का गिला कर चुके हैं हम