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|रचनाकार=प्रेम नारायण ’पंकिल’'पंकिल'
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मन सागर पर मनमोहन की उतरे मधु राका मधुकर
प्राण अमा का सिहर उठे तम छू श्रीकृष्ण किरण निर्झर