Changes

{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=प्रेम नारायण ’पंकिल’'पंकिल'
}}
<poem>
बार बार पथ घेर घेर वह टेर टेर तुमको मधुकर
तेरे रंग महल का कोना कोना कर रसमय निर्झर