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फिर इस अन्दाज़ से बहार आई / ग़ालिब
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18:40, 22 मई 2009
फिर इस अंदाज़ से बहार आई <br>
के
हुये
हुए
मेहर-ओ-माह तमाशाई <br><br>
देखो ऐ सकिनान-ए-खित्ता-ए-ख़ाक <br>
हेमंत जोशी
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