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मातृ मूर्ति / पदुमलाल पन्नालाल बख्शी
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19:02, 3 सितम्बर 2006
अति उन्नत ललाट पर
हमगिरि
हिमगिरि
का है मुकुट विशाल,
पड़ा हुआ है वक्षस्थल पर जह्नुसुता का हार।।
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