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स्त्री-पुरुष / विमल कुमार
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22:34, 24 मई 2009
मैं वर्षों तक
बाघ बनकर जिसे डराता रहा
वह एक दिन मेरे सामने इतनी बड़ी हो गई
मैं हार गया
अनिल जनविजय
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