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स्वांतः सुखाय / केशव शरण
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13:23, 29 मई 2009
आप के रूप में
आज जो मिला है
एक
अच्चाअ
अच्छा
भावक
इस स्वांतः सुखाय के लिए
हर्षप्रद यही है
और प्रेरणादायक
</Poem>
अनिल जनविजय
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