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बूढ़ी औरत का एकान्त / शुभा
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22:32, 30 मई 2009
<Poem
बूढी औरत को
पानी भी रेत की तरह दिखाई देता है
कभी-कभी वह ठंडी
सांस
साँस
छोड़ती है
तो याद करती है
बचपन में उसे रेत
पानी की तरह दिखाई देती थी ।
</poem>
अनिल जनविजय
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