Changes

वार्ता:लोकगीत

2 bytes removed, 18:49, 6 जून 2009
'''अपनी बात <br>'''
लोक गीत हमारे अमाज की धड़कन हैं ।इनमें अतीत का लेखा-जोखा,संस्कार एवं संवेदना ही नहीं वरन् वर्त्तमान से होकर भविष्य का मार्ग तय करने कि शक्ति भी है ।लोक चेतना का प्रतिबिम्ब इन लोकगीतों में रंग भर देता है ।भावों की पूँजी हमको जोड़ती है और भाव लोक की गोद मे पलकर पूरे समाज को दिशा प्रदान करती है।<br>
इन गीतों में कहीं चुहुलबाजी है,कहीं विवशता की टीस है ,कहीं बिना रुके बहते आँसू हैं ,कहीं बेड़ियों में बँधे पाँव हैं तो कहीं थिरकते मन की रंगीनी है ।जो बाते लोक में रची-बसी हों ,वे ही लोक का संस्कार कर सकती हैं । लोकगीत वस्तुत: लोक का संस्कार हैं ।<br> '''प्रस्तुति :- रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु''''
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits