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किसने वादा किया है आने का / जोश मलीहाबादी
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18:05, 20 जून 2009
<poem>
किसने वादा किया है आने का
हुस्न देखो
ग़रीब ख़ाने
ग़रीबख़ाने
का
रूह को आईना दिखाते हैं
चश्म-बर-राह-ए-शौक़ के मारे
चांद
चाँद
के
इन्तज़ार
इंतज़ार
में तारे
हेमंत जोशी
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