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मधुशाला / भाग ६ / हरिवंशराय बच्चन
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अपनी-अपनी इच्छा के अनुसार सभी पी मदमाते,<br>
एक सभी का मादक साकी, एक सभी की मधुशाला।।१२०।<br><br>
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