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तड़पते हैं न रोते हैं न हम फ़रियाद करते हैं / ख़्वाजा हैदर अली 'आतिश'
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19:55, 23 जून 2009
इलाही देखिये किस दिन हमें वो याद करते हैं<br>
शब-ए-फ़ुर्क़त में क्या
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क्या साँप लहराते हैं सीने पर<br>
तुम्हारी काकुल-ए-पेचाँ को जब हम याद करते हैं<br>
हेमंत जोशी
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