Changes

हरो जन की भीर / मीराबाई

92 bytes removed, 13:54, 24 जून 2009
[[Category:मीराबाई]][[Category:पद]]{{KKGlobal}}{{KKSandarbhKKRachna|लेखकरचनाकार=मीराबाई|पुस्तक=|प्रकाशक=|वर्ष=|पृष्ठ=
}}
[[Category:पद]]
हरि तुम हरो जन की भीर।<br>
द्रोपदी की लाज राखी, चट बढ़ायो चीर।।<br>