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07:32, 10 जुलाई 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=श्याम सुन्दर अग्रवाल
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[[Category:बाल-कविताएँ]]
<poem>
बड़ा मजा आता है हमको, <br>
हम तो शोर मचाएँगे, <br>
हमको पता है टीचर जी, <br>
आकर डाँट लगाएँगे।<br>
करे न ज़रा शरारत कोई, <br>
ज़रा नहीं शोर मचाएँ।v
चुप रहना है खेल बड़ों का, <br>
हम कैसे समय बिताएँ? <br>
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