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हिमाद्रि तुंग शृंग से / जयशंकर प्रसाद
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12:44, 10 जुलाई 2009
'अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ- प्रतिज्ञ सोच लो,
प्रशस्त पुण्य
पथ
पंथ
है, बढ़े चलो, बढ़े चलो!'
Surender paul
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