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उस शाम वो रुख़सत का समा / इब्ने इंशा
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13:42, 11 जुलाई 2009
वो दर्द कि उठा था यहाँ याद रहेगा<br><br>
हाँ बज़्मे-शबाँ में हमशौक़
जो उस दिन<br>
हम तेरी जानिब निग्रा याद रहेगा<br><br>
द्विजेन्द्र द्विज
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