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जेलख़ाने की चिट्ठी / नाज़िम हिक़मत
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19:48, 20 जुलाई 2009
जिसका पति जेल में हो
उसके मन में हमेशा उत्साह रहना चाहिए।
''' अंग्रेज़ी से अनुवाद : उत्पल बैनर्जी'''
</poem
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अनिल जनविजय
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