गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
नहीं निहारा / रमेश कौशिक
4 bytes removed
,
15:35, 22 जुलाई 2009
<poem>
जो कुछ भी घटा है
:
:या
घटता जा रहा है
उस सबके पीछे
मेरा हाथ रहा है
लेकिन इसको मैंने
:
:::कभी नहीं
:
:::स्वीकारा
क्योंकि
उसे कभी
मेरी आँखों ने
:
:::नहीं निहारा
</poem>
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits