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दो मुक्तक / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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13:37, 26 जुलाई 2009
पर मैं रोशनी की कहानी कहूँगा ॥
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उपहार
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पल जो भी मिले हैं मुझे उपहार में ।
उनको लुटा दूँगा मैं सिर्फ़ प्यार में ।
Rameshwarkambojhimanshu
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