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देख जिऊँ माई नयन रँगीलो / कृष्णदास
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कृष्ण
कृष्णदास
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सुंदर सुभग सुभगता सीमा, सुभ सुदेस सौभाग्य सुसीलो।
'कृष्णदास प्रभु रसिक मुकुट मणि, सुभग चरित रिपुदमन हठीलो॥
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