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रूपसि तेरा घन-केश-पाश / महादेवी वर्मा
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12:53, 13 मई 2007
अंकित कर इसका मृदुल भाल,
दुलरा
दे ना
देना
, बहला
दे ना
देना
यह तेरा शिशु जग है उदास!
रूपसि तेरा घन-केश-पाश!
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