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|संग्रह=पँखुरियाँ गुलाब की / गुलाब खंडेलवाल
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[[category: ग़ज़ल]]
<poem>
अगर आप दिल से हमारे न होते
यों तो नज़रों से इतने इशारे न होते
नहीं प्यार होता जो उनको किसी से किसीसे
तो आँचल में ये चाँद-तारे न होते
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