{{KKParichay
|चित्र=
|नाम=द्विजमहाराज मानसिंह |उपनाम=द्विज, द्विजदेव|जन्म= 1830
|जन्मस्थान=
|मृत्यु=1871 |कृतियाँ= शृंगार बत्तीसी, शृंगार-लतिका, शृंगार चालीसी।
|विविध=रीतिकाल के कवि
|सम्पर्क=
|जीवनी=[[द्विज / परिचय]]
|अंग्रेज़ी नाम=Dwij, Dvij
}}<sort order="asc" class="ul">* [[डारे कं मथनि, बिसारे कं घी कौ घडा / द्विज]]* [[बोलि हारे कोकिल, बुलाई हारे केकीगन / द्विज]]* [[सुर ही के भार, सूधे सबद सुकरीन के / द्विज]]* [[आज सुभाइन ही गई बाग / द्विज]]* [[आवती चली है यह, विषम बयारि देखि / द्विज]]* [[भ्रमे भूले मलिंदनि देखि नितै / द्विज]]* [[बाग बिलोकनि आई इतै / द्विज]]* [[जावक के भार पग धरा पै मंद / द्विज]]* [[मदमाती रसाडाल की डारन पै / द्विज]]
* [[चित चाह अबूझ कहै कितने छवि छीनी गयँदन की टटकी / द्विज]]
* [[कै बिधि कँचनगार सिंगार कै दीने बनाय अनूपम रंग के / द्विज]]
* [[मदमाती रसाल की डारन पै चढ़ि ऊँचे से बोल उचारती हैँ / द्विज]]
</sort>