गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
मनुष्यता / मैथिलीशरण गुप्त
6 bytes removed
,
08:41, 12 जनवरी 2008
addher bhave jo bhare
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।
vahi
Anonymous user
67.180.6.197