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सुधि करो प्राण पूछा तुमने " वह पीर प्रिये क्या होती है / प्रेम नारायण 'पंकिल'
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,
13:14, 16 अगस्त 2009
{{KKRachna
|रचनाकार=प्रेम नारायण 'पंकिल'
|संग्रह=
बावरिया बरसाने वाली /प्रेम नारायण 'पंकिल'
}}
[[Category:
कविता
छंद
]]
<poem>
सुधि करो प्राण पूछा तुमने " वह पीर प्रिये क्या होती है ।
जिसकी असीम वेदना विकल हो निशा निरंतर रोती है।
Shrddha
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