Changes

ॐ जय जगदीश हरे / आरती

194 bytes added, 12:28, 21 अगस्त 2009
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा ।<br>
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा ॥
 
तन मन धन सब है तेरा, स्वामी सब कुछ है तेरा <br>
तेरा तुझको अरपन, क्या लागे मेरा!
5
edits