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ज़ात हंसों के कुल और पलटु / ओमप्रकाश सारस्वत
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|रचनाकार=ओम प्रकाश सारस्वत|संग्रह=शब्दों के सम्पुट में / ओम प्रकाश सारस्वत
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<poem>आखिर तुम मेरी जात
प्रकाश बादल
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