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पतझर-सा वसन्त / बलबीर सिंह 'रंग'
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09:41, 22 अगस्त 2009
जिसके आगे का देश सुनहरा है
जिस पर रहता भविष्य का पहरा है
वह सीमा बनी
अनण्त
अनन्त
:: तुम्हारी याद न जब आई
अनिल जनविजय
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