Changes

उनका आना / सुदर्शन वशिष्ठ

833 bytes added, 20:58, 22 अगस्त 2009
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सुदर्शन वशिष्ठ |संग्रह=सिंदूरी साँझ और ख़ामोश ...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सुदर्शन वशिष्ठ
|संग्रह=सिंदूरी साँझ और ख़ामोश आदमी / सुदर्शन वशिष्ठ
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>उनके आने से पहले
पहुँच जाती है ख़बर

वे आ रहे हैं
हटो-हटो।

आते हैं वे
बाढ़ की तरह
तटबँध तोड़ते।

उनके आने से पहले
बँधती आशाएँ
आते सपने
जाने पर उन्नींदी आँखों में
आती किरकिरी।


उनका आना अच्छा
न जाना
रहता है फिर भी इंतज़ार।
</poem>
Mover, Uploader
2,672
edits