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12:32, 28 अगस्त 2009 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सत्यपाल सहगल
|संग्रह=कई चीज़ें / सत्यपाल सहगल
}}
<poem>यह जँगल जो कि मैं हूँ
यह तुम जो कि मैं हूँ
यह मैं जोकि मैं नहीं हूँ
यह हरापन जो कि क्या है
ये बादल जोकि फूल है
ये बच्चे जो कि घर हैं
ये बकरियाँ जो कि कथा हैं
यह समय मैदान है
यह रस्ता नदी है
यह चुप एक पहाड़ी
होगी</poem>