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आदतन तुम ने कर दिये वादे / गुलज़ार
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13:33, 11 जनवरी 2007
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आदतन तुम ने कर
दिये
िदये
वादे <br>आदतन हम ने ऐतबार
किया
िकया
तेरी राहों में
बारहा
हर बार
रुक कर <br>हम ने अपना ही इन्तज़ार
कीया
िकया
अब ना माँगेंगे
ज़िन्दगी
िजन्दगी
या रब <br>ये गुनाह हम ने एक बार
किया
िकया
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