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क्या हुआ हुस्न है हमसफ़र या नहीं / ख़ुमार बाराबंकवी
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13:04, 29 अगस्त 2009
बेखबर तूने आईना देखा नहीं
दो परिंदे उड़े आंख
नाम
नम
हो गई
आज समझा के मैं तुझको भूला नहीं
Shrddha
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