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01:34, 19 नवम्बर 2006
हमनें अभिषेक किया था<br>
जननी का अरि शोणित से<br>
हमनें
हमने
श्रृंगार किया था<br>
माता का अरि मुंडो से<br><br>
हमनें
हमने
ही उसे दिया था<br>
सांस्कृतिक उच्च सिंहासन<br>
माँ जिस पर बैठी सुख से<br>
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घनश्याम चन्द्र गुप्त